संवैधानिक पदों पर बैठे लोग, मंत्री और सांसद सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बोल रहे
कांग्रेस नेता ने की निशिकांत के बयान की निंदा, राउत ने चंद्रचूड़ पर साधा निशान
मुंबई, वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने विवादित बयान देकर राजनीति में तूफान ला दिया है। उन्होंने अदालत की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ही कानून बनाएगा, तो लोकसभा-विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए। दुबे ने तो यहां तक कह दिया कि इस देश में जितने भी च्गृहयुद्धज् हो रहे हैं, उसके लिए चीफ जस्टिस संजीव खन्ना जिम्मेदार हैं।
बीजेपी सांसद दुबे के इस बयान को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोला है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने निशिकांत के बयान की निंदा करते हुए कहा कि बीजेपी सुप्रीम कोर्ट को कमजोर करने में लगी है। संविधान में सुप्रीम कोर्ट को दी गई शक्तियों को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। संवैधानिक पदों पर बैठे लोग, मंत्री और यहां तक कि बीजेपी सांसद भी सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बोल रहे हैं।
उधर एआईएमआईएम चीफ असदद्दु्दीन ओवैसी ने निशिकांत के बयान को कोर्ट को धमकी देना वाला बताया तो वहीं समाजवादी पार्टी नेता एसटी हसन ने भी बीजेपी पर निशाना साधा। इस बीच बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई के खिलाफ अपने इन सासदों के बयान से किनारा कर लिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं। बीजेपी ऐसे बयानों का समर्थन नहीं करती। जेपी नड्डा ने निशिकांत के साथ दिनेश शर्मा को भी इस तरह के बयानों से बचने की हिदायत दी है।
इस मामले पर अब शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने निशिकांत के बयान के बहाने पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ पर निशाना साधा है। रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राउत से जब दुबे के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कौन से सीजेआई? शायद निशिकांत दुबे जस्टिस चंद्रचूड़ द्वारा मस्जिद खोदने वाले फैसले पर बोल रहे हैं। वह किस सीजेआई के बारे में बात कर रहे थे? क्या वह पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के बारे में बात कर रहे थे, जिसकी वजह से संभल में दंगे हुए थे। तो क्या वह डीवाई चंद्रचूड़ के फैसले के बारे में बात कर रहे थे मेरी राय में, वह चंद्रचूड़ को निशाना बना रहे थे।
नेताद्वय के बयानों से बैकफुट पर आई बीजेपी, नड्डा बोले पार्टी का इन बयानों से कोई लेना-देना नहीं
सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई को लेकर बीजेपी नेताओं निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा की विवादित टिप्पणियों के बाद बीजेपी वैक फुट पर आ गई है और असहज स्थिति बन गई है। हालांकि निशिकांत के बयान से पार्टी किनारा कर चुकी है, लेकिन विपक्ष के हमले कम नहीं हुए हैं ऐसे में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को खुद मोर्चा संभालना पड़ा है। उन्होंने कहा, कि पार्टी इन बयानों से पूरी तरह असहमत है और ऐसी टिप्पणियों का समर्थन नहीं करती।
यहां बताते चलें कि बीजेपी सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करते हुए कहा था, कि अगर कानून सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा तो फिर संसद और विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट संसद की शक्तियों को छीन रहा है और राष्ट्रपति को निर्देश दे रहा है, जबकि राष्ट्रपति जजों की नियुक्ति में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने भी सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा था, कि कोई भी संस्था संसद या राष्ट्रपति को निर्देश नहीं दे सकती।
इस तरह के बयानों से बीजेपी बैकफुट पर आ गई और विपक्ष हमलावर हो गया है। इसे देखते हुए अब पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म च्एक्सज् (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, कि बीजेपी का उसके सांसदों निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा की न्यायपालिका और प्रधान न्यायाधीश पर की गई टिप्पणियों से कोई लेना-देना नहीं है। ये उनके निजी विचार हैं और पार्टी उन्हें पूरी तरह खारिज करती है।
उन्होंने यह भी कहा, कि बीजेपी ने हमेशा न्यायपालिका का सम्मान किया है। मैंने दोनों नेताओं और अन्य को ऐसी टिप्पणियां करने से मना किया है।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने बीजेपी को निशाने पर लिया हुआ है। कांग्रेस नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेतृत्व पर न्यायपालिका का च्च्अपमानज्ज् करने का आरोप लगाया है। ऐसे में साफ है कि नड्डा के बयान को बीजेपी का डैमेज कंट्रोल मोड समझा जा रहा है और पार्टी नेतृत्व किसी भी तरह की न्यायपालिका-विरोधी छवि से बचना चाह रहा है।
हिदायत/ईएमएस 20अप्रैल25